तेज़ाब 2
ज़िन्दगी को जीने का शोख हो जिसे वो हर हाल में ज़िन्दगी के मुस्किलों से लड़ता है हवलदार महते नंदू के मां और पापा को लेकर गोपालगंज थाने गए , और दूसरी गाड़ी से इंस्पेक्टर राजेश जाधव भी [...]
ज़िन्दगी को जीने का शोख हो जिसे वो हर हाल में ज़िन्दगी के मुस्किलों से लड़ता है हवलदार महते नंदू के मां और पापा को लेकर गोपालगंज थाने गए , और दूसरी गाड़ी से इंस्पेक्टर राजेश जाधव भी [...]
ज़िन्दगी को जीने का शोख हो तो इंसान हर हाल में ज़िन्दगी के मुश्किलों से लड़ता है , रमेश सिंह के एक बेटी जो बहुत होनहार थी पढ़ने में बहुत तेज थी , नंदू जो बहुत खूबसूरत थी [...]